Sunday 8 March 2015

महिला दिवस पर...................


स्त्री और पुरुष दोनों physical रूप से अलग हैं, अन्यथा दोनों में कोई भेद नहीं हैं और दोनों ही इंसान हैं । इस दुनिया को पित्रसत्तात्मक बना दिया गया हैं । दोनों के लिए अलग-अलग नियम हैं । हालांकि धीरे-धीरे महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे आ रही हैं, फिर भी मंजिल अभी बहुत दूर हैं । समाज में भेदभाव हर क्षेत्र में इतना गहरा व्याप्त हैं कि शिक्षा, घर, समाज प्रत्येक जगह से समानता की शुरुआत करनी होगी तब कहीं जाकर हम महिलाओं की बराबरी की बात कर सकते हैं और उसकी ओर आगे बढ़ेंगे । सबसे बड़ी बात दुनिया को एक महिला ही आगे बढ़ाती हैं - सबसे बड़ी भगवान की कृति "माँ" हैं । फिर यह असमानता क्यों.......................................?
फिर भी इस उम्मीद के साथ कि महिलाओं को पुरुष के माँ-सम्मान, सम्मान, बराबरी, इज्जत सब कुछ जिसकी वह अधिकारिणी हैं सही मायने में उसे एक दिन जरूर मिलेगा.........................इसी के साथ सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाओं के साथ........................................................................................................

"आराधना"

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