सरकारी स्कूल कई प्रकार की कमी से लगातार जूझता आ रहा हैं, जैसे कमरे की कमी, कही बच्चे नहीं आते,कही-कही खेलने के लिए मैदान नहीं हैं, कही लर्निंग सामग्री उपलब्ध नहीं हैं ,कही शिक्षकों की कमी, अगर शिक्षक आते हैं तो बच्चों की पढाई पूरी नहीं हो पाती । अगर इतने उतर चढाव के बाद भी कही कोई सूरज की छोटी सी किरण आती हैं तो अपने आगे कई किरणों के दरवाजे खोल देती हैं, ऐसी ही एक सूरज की किरण शिक्षक के रूप में हमें नज़र आई, जिसके बारे में हमने सुना और पढ़ा, तो लगा ऐसे सार्थक प्रयास को आप लोगो से जरूर शेयर करना चाहिये ।आईये पढ़ते हैं एक शिक्षक का शिक्षा के प्रति सच में कुछ कर गुजरने की चाह, जो बच्चों को एक नई दिशा प्रदान करने की तरफ बढ़ता कदम ...........
"व्याख्याता कुमार राम निषाद" |
No comments:
Post a Comment