Sunday, 24 November 2013

Kitabe Kartee Hai Bate..............Ek prerak kavita

किताबें करती हैं बाते...... यह कविता सफ़दर हाशमी जी की हैं यह सभी जानते हैं, जाने क्यों  इस कविता को बार बार पढ़ने का मन करता हैं.  हर एक शब्द पर इतनी गूढता हैं कि अपने आप यह कविता विभिन्न किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित करती है.पूरी दुनिया किस तरह किताब की कविता में समाई हुई है आईये एक बार पुनः पढ़ते हैं...................



"सफ़दर हाशमी "


1 comment:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 25 अप्रैल 2020 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

    ReplyDelete